Jindagi
बुधवार, 30 अक्तूबर 2019
जिंदगी से मिले आज हम
देखा खूब जमाने भर को
पता तो चला कितना दम
कौन था पीठ पीछे मिर्ची
तो कौन था सच्चा महरम
कौन हुए थे मेरे हमकदम
जिंदगी से मिले आज हम
जिंदगी ने पूछा कैसे हो
मै कहा, कोई कसर नहीं
समय ने धोया इतना मुझे
अब होता मुझे असर नहीं
आता है गम पी जाते हम
जिंदगी से मिले आज हम
कहा जिंदगी ने समझाओ
और अपना हाल सुनाओ
मै कहा , आप भी रोएंगे
कहानी लंबी है, बताएंगे..
दिन एक मात्र ना रोएं हम
जिंदगी से मिले आज हम
खव्ब पानी में बह सा गया
सपने , सपने में ही रह गया
अपना जो कहलाता था ना
वो तो अपने में ही रह गया
सहारे सीख के शंभले हम
जिंदगी से मिले आज हम
रंग बिरंगी दिखती दुनिया
सहारा नहीं सब शिक्षक थे
खून के रिश्ते तक भी नहीं
लगे गले, हम भिक्षक थे ?
तू हाथ गर दे तो जागें हम
जिंदगी से मिले आज हम